THE DEFINITIVE GUIDE TO BEST HINDI STORY

The Definitive Guide to best hindi story

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इतालो काल्विनो की कहानी : 'थेफ्ट इन केक शॉप' जो आज की अर्थनीति से बनाए-गढ़े जानेवाले समाज का एक महत्वपूर्ण क्रिटीक है, 'कफ़न' की बेतहाशा याद आती है.

बच्चा भी जोर जोर से चिल्ला रहा था। वह अपनी मां को पुकार रहा था। मां की करुणा आंसुओं में बह रही थी, किंतु बेबस थी।

(एक) बड़े-बड़े शहरों के इक्के-गाड़ी वालों की ज़बान के कोड़ों से जिनकी पीठ छिल गई है, और कान पक गए हैं, उनसे हमारी प्रार्थना है कि अमृतसर के बंबूकार्ट वालों की बोली का मरहम लगावें। जब बड़े-बड़े शहरों की चौड़ी सड़कों पर घोड़े की पीठ चाबुक से धुनते हुए, इक्के वाले चंद्रधर शर्मा गुलेरी

आधुनिक बनने का प्रदर्शन करते शहरी मध्यवर्गीय परिवार के करियरिज़्म पर एक तीखी टिप्पणी की तरह है यह एक और अविस्मरणीय कहानी.

अगर कबरी बिल्ली घर-भर में किसी से प्रेम करती थी तो रामू की बहू से, और अगर रामू की बहू घर-भर में किसी से घृणा करती थी तो कबरी बिल्ली से। रामू की बहू, दो महीने हुए मायके से प्रथम बार ससुराल आई थी, पति की प्यारी और सास की दुलारी, चौदह वर्ष की बालिका। भंडार-घर भगवतीचरण वर्मा

चार मित्र व शिकारी- हितोपदेश की प्रेरक कहानियां

हिंदू धार्मिक समाज की जाति व्यवस्था पर यह कहानी एक गहरी मार्मिक आधुनिक टिप्पणी की तरह है, जो आज और अधिक प्रासंगिक हो उठी है.

वह इस समय दूसरे कमरे में बेहोश पड़ा है। आज मैंने उसकी शराब में कोई चीज़ मिला दी थी कि ख़ाली शराब वह शरबत की तरह गट-गट पी जाता है और उस पर कोई ख़ास असर नहीं होता। आँखों में लाल ढोरे-से झूलने लगते हैं, माथे की शिकनें पसीने में भीगकर दमक उठती हैं, होंठों कृष्ण बलदेव वैद

चूहे ने एक बार फिर कनान को मेंढक से बचाया और उसे एक जादुई पेड़ के पास ले गया जिसकी शाखाएँ नीले आकाश तक पहुंचती थीं । वापस गुफा में, जब बाघ ने देखा कि कानन गायब है, तो वह बहुत क्रोधित हुआ। आकाश में “का संगी ” नाम की एक देवी ने कनान को आश्रय दिया। दूसरी ओर का संगी को मेंढक की जादुई खाल के बारे में पता चला और उसने उसे जला दिया। जादूगर मेंढक का संगी से लड़ने के लिए आकाश में आया। 

(एक) “बंदी!” “क्या है? सोने दो।” “मुक्त होना चाहते हो?” “अभी नहीं, निद्रा खुलने पर, चुप रहो।” “फिर अवसर न मिलेगा।” “बड़ा check here शीत है, कहीं से एक कंबल डालकर कोई शीत से मुक्त करता।” “आँधी की संभावना है। यही अवसर है। आज मेरे बंधन शिथिल जयशंकर प्रसाद

(एक) बड़े-बड़े शहरों के इक्के-गाड़ी वालों की ज़बान के कोड़ों से जिनकी पीठ छिल गई है, और कान पक गए हैं, उनसे हमारी प्रार्थना है कि अमृतसर के बंबूकार्ट वालों की बोली का मरहम लगावें। जब बड़े-बड़े शहरों की चौड़ी सड़कों पर घोड़े की पीठ चाबुक से धुनते हुए, इक्के वाले चंद्रधर शर्मा गुलेरी

They are poles apart, Manu is headstrong but naive, and Rishi is disobedient and stubborn, but pretends to generally be an introvert before Manu. When the riots broke in their metropolis, Rishi vowed to maintain Manu and her loved ones Safe and sound, but that came using a Value. He had to show violent himself and turn into a A part of the riots, resulting in merciless killings, looting, robbing, and raiding. A doc in the moments that it absolutely was, this is a story concerning the victory of love in turbulent times.

मोरल – संत की संगति में दुर्जन भी सज्जन बन जाते हैं।

मोरल – स्वयं की सतर्कता से बड़ी-बड़ी बीमारियों से बचा जा सकता है।

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